Sunday, January 25, 2015

Bajjika Song-1


गीत 

इजोरिया रात मे पुरबैया बेआर
भरल भादो रहे मन मे भेल बिचार

साथ तोहर हो जाइत लागल सोंचे मन
केतना निमन होजाइत बित रहल क्षण

याद मे तोहर डुब गेली नरहल सुध
केतना परल देह मे पानी के बुँद

सुथर तोहर मुह मुठान देह जैसे केरा थम
रुप तोहर यैसन केतना बखान करु हम

सुर्ता नकरिहा आएम हम जल्दी बिदागरी कराबे
समय न सकी अब हमनी कहियो यैसन अल्गाबे  

विश्वराज अधिकारी
 गोरखापत्रको "नया नेपाल" बज्जिका पृष्ठमा माघ २०७० मा प्रकाशित

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