न परु नेता के फेर मे
इ नेता उ नेता सब नेता सत्ता के बडका बेपारी
जनता मरे भुख से नेता के भन्सा मे सोना के थारी
इ नेता उ नेता सब नेता कुर्सी के फेर मे
जनता सुते कादो मे नेता सोना चानी के ढेंड मे
ओझरागेल जनता नेता के भाषण के जाल मे
गीर गेल मुह के बले मर गेल अकाल मे
एक दिन त खडा होइ अपन अपन पैर मे यी जनता
अपन जिन्गी के एक दुन खुद होइ कुसल अभियन्ता
विश्वराज अधिकारी
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