Sunday, October 1, 2023

Unique Leaders and Unique Democracy-Article-4

 अनेक किसिमके प्रजातन्त्र अनेक किसिमके नेता

प्रजातन्त्र या लोकतन्त्र किसिम किसिमके हए। महादेशके आधारमे, देशके आधारमे अनेक किसिमके प्रजातन्त्र हए। नेतासब के चरित्र अनुसार भी अनेक किसिमके प्रजातन्त्र हए। जनताके स्वभाव अनुसार भी अनेक किसिमके प्रजातन्त्र हए।  

अमेरिकामे एक किसिमके प्रजातन्त्र हए। युरोपके देससबमे एक किसिमक प्रजानत्र हए। एहिना, अफ्रिके देश सबके अपन किसिमके प्रजातन्त्र हए। एशियाके देशसबमे खास किसिमके प्रजातन्त्र हए।

अमेरिकाके प्रजातन्त्रके कुछ खास खास विशेषता हए। अमेरिकामे एकबेर केहु राष्ट्रपति भेल हए त ऊ दोसर बेर राष्ट्रपति होए पाइ। मुदा तिसराकाबेर राष्ट्रपति नहोए पाइ। राष्ट्रपति भेल व्यक्ति अमेरिकामे राजनीतसे दूर चलजाई। जाहिके परि। संवैधानिक व्यवस्था एहने हए। गौर तबल बात त इ हए कि अमेरिकाके राष्ट्रपति सरकार प्रमुख होइछइ। सरकार प्रमुख भेगेल व्यक्ति राजनीतिसे ओझल होहीके परछइ।

युरोपके प्रजातन्त्र जनतामुखी प्रजातन्त्र हए। राजनीतिमे नेताके उपस्थिति जनताके शासक न सहयोगीके रुपमे हए। कौनो नेता पर कौन गम्भीर आरोप लगलापर ऊ नेताके पदसे, राजनितिसे, बाहर जाहिके परि। फ्रान्स, जर्मनी, बेलायत जसइन देशमे प्रजातन्त्र पुरान भी हए, सुसंस्कृत भए। एकही व्यक्ति राजनीतिमे सदाकाल देखेके नमिली। टोनी ब्लेयर, जोन मेजर, गोर्डन ब्राउन, देभिड केमेरुन, टेरिजा मे, बोरिस जोन्सन इ सब नाम बेलायतमे कौन बेर प्रधान मन्त्री भेल ब्यक्तिसब के हए। यी व्यक्तिसब बेलायतके राजनीतिमे आएल। देश आ जनताके सेव कएलख। राजनीतिसे सदाकेलेल नरहलख। मरेके पहिले तक कुर्सीमे न बइठलख। बेलायतके भूतपूर्व प्रधान मन्त्रीसब अघुनी कथि करइत हए केकरो मालुम नहए। बेलायत मे राजनीति जनताके सेवा हए, नोकरी आ बेपार नहए। दक्षिण एशियाके देशसब लेखा।

प्रजातन्त्र अफ्रिकाके देश सबमे भी हए। अफ्रिकाके देशके प्रजातन्त्र त अनेक खासियतसे भरल हए। इहँमाके देशमे एकबेर देशके प्रधान मन्त्री भेगेल ब्यक्ति जिनगीभर प्रधान मन्त्री होएला खोजी। चुनाव जितेला अनेक प्रपंच रची। पैसा, बल, भय प्रयोग कके जिन्गीभर प्रधानमन्त्री होएला चाहि। एहने इतिहास रचलन रोबर्ट मुगावी। अफ्रिकी देश जिम्बाब्वेके तानाशाह रोबर्ट मुगाबी कुल मिलाके ४० बरिष जिम्बाब्वेमा शासन कएलन। जयबेर चुनाव भेले सबबेर चुनावमे विजयी भेलन। कहियो प्रधान मन्त्री होके त कहियो राष्ट्रपति होके मुदा मरतेदम तक जिम्बाब्वेमे शासन कएलन। जबकि ई राजनीतिमे आएल रहलन काला जातिके गोराजातिसे उन्मुक्ति दिलाबे। उ बेरमे जिम्बाब्वेके शासन व्यवस्था गोरा जातिके हातमे रहे। रोबर्ट मुगावीके नेतृत्वमे भेल आन्दोन शासन व्यवस्थामे रहल गोराके पकड समाप्त कके काला के हातमे लिअएलख, मुदा शासन व्यवस्था चलगेल रोबर्ट मुगाबीके हातमे, पुष्पकमल दहाललेखा। पुष्पकमल दहाल आ रोबर्ट मुगाबीमे एक खास समानता हए। दुनु नेता कहेला त गरिबके हितमे संघर्ष कएले रहे मुदा नेता शक्ति (राजनीति) के कुर्सीमे बर्षौ बइठगेल। रोबर्ट मुगाबी जिम्बाब्वेके कंगाल बनाके छोडदेलख। मुगाबी जिब्बाब्वेके एहन गरिब बनादेलख कि लोग तरकारी किनेला भी झोलामे ढेउआ भरके जाए। मुद्रा स्फिर्ति आ महँगी असमान छुलख।

कहेला त प्रजातन्त्र एगो दोसर अफ्रिकी देश ग्याबोनमे भी हए। मगर ओमार बान्गो जे उहँमाके दोसरका राष्ट्रपति रहस ४२ बरिष तक इ देशमे शासन कएलन। हालही मे सेनाद्वार अपदस्त कएलगेल ग्याबोनके राष्ट्रपति अलि बान्गो १४ बरिषतक ग्याबोनमे शासन कएलन। प्रजातन्त्र त इ देशमे भी हए मगर कुर्सीमे जहियो बोन्गो परिवारके व्यक्ति रहलख।

प्रजातन्त्र त पाकिस्तानोमे भी हए। उहाँमा प्रजातन्त्रिक संविधान भी हए। चुनावो होइछइ। लेकिन चुनावमे निर्वचित होके आएल प्रधानमंत्री होजाइ छइ पाकिस्तानके शेनाके जिरतिया। पाकिस्तानके शासन व्यवस्थामे शेनाके मजवुत पकड हए। यदि कौनो प्रधान मन्त्री शेनाके खिलाफ भेल, ओकर मतलब हए ऊ प्रधान मन्त्री पदसे बाहर होगेल हए। ओकर कुर्सी धर्तिपर गिरगले, धडामसे।  

आएल जाओ अब नेपालके बात कएल जाओ। प्रजातनन्त्र नेपालमे भी भए। नेपालके प्रजातन्त्र त सब जगसे से निराला हए। अनेक विशेषतासब से भरल हए। नेपालके राजनीतिमे धोखा हए। षडयन्त्र हए। भ्रष्टाचार हए। बेइमानी हए। बेबिचार हए। लुटपाट हए, हत्या हए।

नेपालके राजनीतके एगो बडका भारि विशेषता हए। उ कि हए कि इहाँमा के नेता, कुछ गिनल चुनल, जैसे माधव नेपाल, झलनाथ खनाल, उपेन्द्र यादव, महन्त ठाकुर, पुष्पकमल दहाल, केपी ओली, शेरबहारदुर देउवा, रामचन्द्र पौडेल आदि नेपालके राजनीतिमे तिस चालिस बरिषसे हए। ई लोग नेपालके राजनीतिसे बाहर जाएके नामो त नलेइए। देउवा पाँचबेर देशके प्रम होगेलन। हुन्का छठाबेर प्रम होएके प्रवल इच्छा हए। हुन अपन उ इच्छा पूरा करेल घटियासे घटिया काम करेला तयार छत। पुष्पकमल दहाल तिसरकाबेर प्रम भेल छत। कौनो समयमे गरिबके मसिहा कहाएल दहाल जिन्गीभर प्रम होएला चाहइत छत। हुन्का कुर्सी बहुत प्रिय हए। जबकी हुनकर माओवादी युद्ध कालमे उद्देश्य रहे जनताके गरिबी, उत्पीडन, से छुटकारा दिआबेके। पुष्पकमल जइसन चतुर, जनताके ठगेबाल नेता, न त पहिले कहियो भेल न त भविष्यमे होइ। आजकल हुन अपनाके बडाभारि प्रजातन्त्रिक नेत कहइ छत्। 

नेपालके प्रजातन्त्रके एगो दोसर बडकाभारि विशेषता हए। नेता चाहि त अपन पत्नीके, बेटीके, बेटाके मन्त्री बनासकइए। सत्ताके कुर्सीमे आसानीसे बैठा सकइए। अपन प्रेमिकाके सत्ताके चाभी देसकइए। समानुपातिक नामके इगो एहन जन्तर हए नेतासबके हातमे कि उ पेन्हाके नेतासब जेकरा चाहि जथि मन करी बनासइक जेसे शेरबहारदुर देउवा अपन घरबाली आरजु देउवाके साँसद बनैले छत। एगो समितिके सभापति बनौले छत।

नेपालके प्रजातन्रके अनेक विशेषता हए। इहाँमा नेतासबके बेटाबेटी के भ्रष्टाचार करके पुरा छुट हए। जेतनो बडका भ्रष्टाचार करू यदि नेताके बेटा आ बेटी छी त अपनेके कौन कानून नलागि। विरोधी नेतोसब एक होजाइ भ्रष्टाचार झाँपेला। विरोधी दलके नेतासब एक होजाइ, अनेक झगडा रगडा बिसरके।

प्रजातन्त्र अनेक देशमे हए। अनेक देशमे अनेक किसिमके हए। मूल बात प्रजातन्त्र न हए। न त संविधान न हए। मूल बात संस्कार हए। चेतना हए। असल राजनीति सोंच हो।

नेपाल मातर न, समुच्चा दक्षिण एशियाके देशसबमे असल राजनीति संस्कारके अभाव हए। जनता अज्ञानी हए त नेता स्वार्थी हए। यी दु पक्ष कमजोर होएला से ई क्षेत्रमे निमन प्रजातन्त्र, निस्वार्थी प्रजातन्त्र, संस्कारी प्रजातन्त्रके समुचित विकास न होरहल हए।

संस्कारी प्रजातन्त्रके स्थापना करेला, अखुनीके ई स्वार्थी प्रजातन्त्रमे सुधार करेला, सबसे पहिले जनतामे असल ज्ञानके विकास होएके जरूरी है। जब एहन होइ तबही इमनदार, सदाचारी, निष्पक्ष नेता निर्वाचित होके राजनीतिमे जाइ। साँसद, मन्त्री, प्रधान मन्त्री होइ। देश आ जनतके सेवा करी। सचेत, जागरुक, ज्ञानी जनता मात्र असल नेताके छाने सकी।

Bishwa Raj Adhikari

akoutilya@gmail.com

Friday, September 8, 2023

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